। हरि ॐ।
+ आरोग्यका साम्राज्य +
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©hotlly आयुर्वेदिक (जडीबुटी)
【संत-ऋषिमुनियों का अनुभवी जबरदस्त अक्सीर रामबाण उपचार】
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◆★◆ (चक्र) ◆★◆
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(1) -● चक्र आध्यात्मिक शक्तियों का केन्द्र हैं।
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1 - मूलाधार चक्र
◆★◆ गुर्दा के पास मेरुदण्ड के अंतिम मणके के पास होता है।
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2 - स्वाधिष्ठान चक्र
◆★◆ जननेन्द्रिय की ऊपर और नाभि के नीचे होता है।
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3 - मणिपुर चक्र
◆★◆ नाभि केन्द्र में होता है।
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4 - अनाहत चक्र
◆★◆ यह हृदय में होता है।
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5 - विशुद्ध चक्र
◆★◆ कंठ (गले) मे होता है।
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6 - आज्ञाचक्र
◆★◆ दो भ्रमर के बीच होता है।
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7 - सहस्रार चक्र
◆★◆ सिर के ऊपरी भाग में जहाँ (चोटली) 【©hotlly】 (चोटी) रखी जाती है वहां होता है।
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◆★◆ (नाड़ी) पल्स ◆★◆
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(1) -● हमारे शरीरमें प्राण वहन करनार बारीक नाड़ीओ को नाड़ी कहते हैं इसकी संख्या (72) करोड़ (72) लाख (10) हजार (201) नाड़ी की गणना की जाती है।
(2) -● इड़ा, पिंगला और सुषुम्णा तीन मुख्य हैं। फिर भी (सुषुम्णा) सबसे महत्वपूर्ण है।
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◆★◆ (योगासन) ◆★◆
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(1) -● अठारह महत्वपूर्ण आसन हैं जो वर्तमान युग के लोगों के लिए बहुत उपयोगी हैं और थोड़े समय में अधिक लाभ होगा। **********
1 - पद्मासन/कमलासन
◆★◆ ध्यान - आज्ञाचक्र और अनाहत चक्र में
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2 - सिद्धासन
◆★◆ ध्यान - आज्ञाचक्र में
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3 - सर्वांगासन
◆★◆ ध्यान - विशुद्धाख्य चक्र में
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4 - हलासन
◆★◆ ध्यान - विशुद्धाख्य चक्र में
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5 - पवनमुक्तासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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6 - मत्स्यासन
◆◆★ ध्यान - विशुद्धाख्य चक्र में
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7 - भुजंगासन/सर्पासन
◆★◆ ध्यान - विशुद्धाख्य चक्र में
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8 - धनुरासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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9 - चक्रासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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10 - कटिपिंडमर्दनासन
◆★◆ ध्यान - स्वाधिष्ठान चक्र में
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11 - अर्धमत्स्येन्द्रासन
◆★◆ ध्यान - अनाहत चक्र में
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12 - योगमुद्रासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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13 - गोरक्षासन/भद्रासन
◆★◆ ध्यान - मूलाधार चक्र में
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14 - मयूरासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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15 - वज्रासन
◆★◆ ध्यान - मूलाधार चक्र में
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16 - सुप्तवज्रासन
◆★◆ ध्यान - विशुद्धाख्य चक्र में
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17 - सवासन
◆★◆ ध्यान - सम्पूर्ण शरीर में
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18 - पादपश्चिमोत्तानासन/उग्रासन
◆★◆ ध्यान - मणिपुर चक्र में
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19 -● ताड़ासन
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20 -● शशांक आसन
◆★◆ एड्रिनल ग्रंथियों के नियमन के लिए
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◆★◆ (प्राणायाम) ◆★◆
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◆★◆ (त्रिबंध) ◆★◆
(1) - मूलबंध
(2) - उड़ियान बंध
(3) - जालंधर बंध
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(1) -● केवलीकुंभक
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(2) -● जलनेति
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(3) -● गजकर्णी
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(4) -● शरीरशोधन - कायाकल्प
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◆★◆ स्वास्थ्य/सुरक्षा ◆★◆
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(1) -● हर बीमारी की जड़ में पंचमहाभूत यानी पांच तत्व हैं - पृथ्वी, जल, प्रकाश, वायु और आकाश की विकृति।
(1) - पृथ्वी तत्त्व
(2) - जल तत्त्व
(3) - अग्नि तत्त्व
(4) - वायु तत्त्व
(5) - आकाश तत्त्व
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◆★◆ मुद्राओं ◆★◆
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(1) - लिंग मुद्रा
(2) - शून्य मुद्रा
(3) - पृथ्वी मुद्रा
(4) - सूर्य मुद्रा
(5) - ज्ञान मुद्रा
(6) - वरुण मुद्रा
(7) - प्राण मुद्रा
(8) - वायु मुद्रा
(9) - अपानवायु मुद्रा
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(1) - ब्रह्ममुद्रा ◆★◆
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◆★◆ हस्त/चिकित्सा ◆★◆
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(1) -● शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द के लिए चमत्कारी, पीडानिवारक, स्वास्थ्य/सौंदर्यवर्धक स्पर्श चिकित्सा
(2) -● हथेलियों में सर्वरोगनिवारक और सौंदर्यवर्धक शक्ति
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